लेखनी कविता -ज्ञान-ध्यान कुछ काम न आए - बालस्वरूप राही

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ज्ञान-ध्यान कुछ काम न आए / बालस्वरूप राही ‎ ज्ञान ध्यान कुछ काम न आए हम तो जीवन-भर अकुलाए । पथ निहारते दृग पथराए हर आहट पर मन भरमाए । झूठे ...

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